गंगा के मैदान का निर्माण हिमालय से निकलने वाली नदियों वाली नदियों गंगा तथा उसकी सहायक नदियों – यमुना, गोमती, घाघरा, गण्डक, तथा कोसी की निक्षेप क्रिया द्वारा बनाया गया है.
दक्षिणी पठार में बहने वाली नदियों – चम्बल, बेतवा, केन, तथा सोन ने भी गंगा के मैदान के निर्माण में अपना योगदान दिया है.
गंगा के मैदान का ढाल पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व की ओर है.
गंगा के विशाल मैदान को तीन भागों में बांटा जाता है-
1. ऊपरी गंगा का मैदान
2. मध्य गंगा का मैदान
3. निम्न गंगा का मैदान
गंगा-यमुना दोआब के पूर्व में रुहेलखंड का मैदान है. यह लगभग 35 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.
रुहेलखंड का ढाल दक्षिण-पूर्व दिशा में है जो रामगंगा, शारदा तथा गोमती की प्रवाह दिशा से स्पष्ट है.
रुहेलखंड के पूर्व में अवध मैदान है यहा मुख्य रूप से घाघरा नदी बहती है. इसकी दूसरी नदी गोमती है जिसका ढाल मंद है.