स्टेम सेल (Stem Cell)
स्टेम सेल शरीर की मूल कोशिका है, स्टेम कोशिका या मूल कोशिका एक ऐसी कोशिकाएं हैं, जिनमें शरीर के किसी भी अंग को कोशिका के रूप में विकसित करने की क्षमता होती है. इसलिये पहला स्टेम सेल भ्रूण में बनता है. मनुष्य का शरीर असंख्य कोशिकाओं से बना हुआ है और जिनके अपने अलग-अलग कार्य होते हैं. Stem Cell के द्वारा शरीर के किसी भी कोशिकाओं को कृत्रिम रूप से निर्मित जा सकता है, अर्थात् इस कोशिका से शरीर के किसी अंग की कोशिका तैयार की जा सकती है.जिसके आधार पर वैज्ञानिकों का मत है कि इस कोशिका का प्रयोग से शरीर के किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिए किया जा सकता है. इस कोशिका में कोशिका में मानव शरीर की कई तरह की वंशानुगत जानकारियां होती है जिनके विश्लेषण से कई तरह के वंशानुगत रोगों को दूर किया जा सकता है.
स्टेम सेल की संरचना
- स्टेम सेल ब्लैंक सेल होते हैं, जिनमें शरीर के किसी भी कोशिकाओं के रूप में विकसित हो जाने की अद्भुत क्षमता होती है.
- इसके द्वारा ऊतकों की अंदरूनी मरम्मत की जाती हैं ये सेल आपस में विभक्त होकर अन्य खराब कोशिकाओं की क्षतिपूर्ति करते रहते हैं. इनका यह कार्य मनुष्य के आजीवन लगा रहता है.
- स्टेम सेल्स का स्वभाव विभक्त होना है और जैसे ही कोई एक स्टेम सेल विभक्त होता है, तो उससे बनने वाले सेल के अंदर भी उसके जैसे गुण उत्पन्न हो जाते हैं.
- कई बार नया सेल किसी अन्य प्रकार का सेल बन जाता है, जैसे-माँसपेशी, लाल रक्त कण या मस्तिष्क का सेल. ये सेल साधारण सेल्स से कुछ अलग होते हैं क्योंकि ये ब्लैंक सेल होते हैं, जो आपस में विभक्त होते रहते हैं तथा कुछ विशेष परिस्थितियों में किसी अंग विशेष का सेल बनाया जा सकता है.
स्टेम सेल के प्रकार
स्टेम सेल्स को चार प्रमुख भागों में बाँटा गया है:
टोटीपोटेंट: इन भ्रूण सेल्स को कृत्रिम रूप से विकसित किया जाता है और अपनी संख्या को बढ़ाते रहना इनकी विशेषता होती है.
मल्टीपोटेंट: ये कोशिकाएँ किसी अंग को बढ़ाने या उसकी मरम्मत करने का काम करती हैं, जैसे-अस्थि मज्जा या रक्त बनाने में सहायक कोशिकाएँ.
प्लूरीपोटेंट: इन सेल्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये किसी भी कोशिका का रूप ले लेती हैं.
यूनीपोटेंट: इस प्रकार की कोशिकाएँ स्वयं ही बढ़ने वाली होती हैं तथा समय पड़ने पर परिपक्व कोशिका का रूप ले लेती हैं.
स्टेम सेल बैंकिंग
- स्टेम का अर्थ स्तंभ होता है. जिसमे मानव मानव शरीर के कई तरह की वंशानुगत जानकारियां होती है. जिनका विश्लेषण कई प्रकार के वंशानुगत रोगों को दूर करने में कर सकते है. जैसे – क्रोनिक, ल्युकेनिया, माइलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम, एक्यूट, स्टेम सेल डिसऑर्डर, मैलोपोलीफेरिटिव डिसऑर्डर,थैलिसिमियां फैगोसाइड डिसऑर्डर इत्यादि.
- जब एक बच्चा जन्म लेता है, उस समय उसकी नाभिरज्जु (अम्ब्लिकल कॉर्ड) ही स्टेम सेल का मुख्य श्रोत होता है. इस कॉर्ड में पाए जाने वाले रक्त में स्टेम सेल पाए जाते है. जिनको संचित करने के लिए बनाये गए बैंक को स्टेम बैंक कहा जाता है.
- स्टेम सेल बैंक ब्लड बैंक की भांति होते है जिसमे बच्चों के जन्म समय के ब्लड कॉर्ड को इकठ्ठा किया जाता है.
- इसके अतिरिक्त भ्रूण के प्लेसेंटा में भी स्टेम सेल पाए जाते है. जिनकी गुणवत्ता अन्य श्रोतों से प्राप्त होने वाले स्टेम सेल से अच्छी मानी जाती है. परंतु इसको निकालने के प्रबल विरोध हो रहा है क्योंकि इससे कुछ नीतिगत पैदा हो रही है.