हिमालय पर्वत के दक्षिण में सिंधु, गंगा तथा ब्रह्मपुत्र जैसी नदियां की निक्षेप द्वारा निर्मित एक विशाल मैदान स्थित है, जिसे उत्तरी भारत का विशाल मैदान (the great plan of north India) कहते है. सिंधु, गंगा, तथा ब्रह्मपुत्र नदियां द्वारा निर्मित होने के कारण इसे सिंधु, गंगा तथा ब्रह्मपुत्र का मैदान कहते है.
सम्पूर्ण उत्तरी मैदान एक समतल मैदान है, जिसकी औसत ऊंचाई 200 मीटर है. अधिकतम ऊंचाई 291 मीटर अम्बाला से सहारनपुर के बीच है. यही भाग इस विशाल मैदान का जलविभाजक भी है.
उत्तरी भारत का विशाल मैदान की स्थलाकृतियां
उत्तरी मैदान पूर्णतः समतल और सपाट मैदान है. सहारनपुर से कोलकाता तक इसकी लम्बाई 1,500 किमी. है. उत्तर के विशाल मैदान की अपनी विशेषता एवं ढ़ाल के आधार पर इसकी विविधता को निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत किया गया है-
1. भाबर – यह शिवालिक के गिरिपद सिंधु से तिस्ता नदी तक पाया जाता है. यह 8-16 किमी चौड़ी संकरी पट्टी है. गिरिपद में स्थित होने के कारण इस क्षेत्र नदिया बड़ी मात्रा में भारी पत्थर, कंकड़, बजरी आदि लाकर जमा कर देती है. अतः इस क्षेत्र में पहुंचकर अनेक नदिया भूमिगत हो जाती है. यह भाग कृषि के लिए अधिक उपयोगी नहीं है.
2. तराई प्रदेश – वह भाग जहा भाबर की लुप्त नदिया फिर से भूतल पर प्रकट होने लगती है. इसे तराई प्रदेश कहते है. यह प्रदेश 15-30 किमी चौड़ी है और यहाँ अधिकांश भाग दलदल होता है.
3. बांगर प्रदेश – बांगर वह ऊँचा भाग है जहा बाढ़ नहीं पहुँचता है. यह पुरानी जलोढ़ मिट्टी का बना हुआ है. सतलुज के मैदान तथा गंगा के ऊपरी मैदान में बांगर का विस्तार विशेष रूप से देखने को मिलता है.
4. खादर प्रदेश – खादर प्रदेश वह नीचा भाग है, जहा नदियों का बाढ़ का जल प्रतिवर्ष पहुँचता है. प्रतिवर्ष नदियों नदियों का बाढ़ का जल नवीन मिट्टी लाकर यहाँ जमा कर देती है, इसलिए नवीन जलोढ़ द्वारा खादर निर्मित निर्मित होता है. हर वर्ष नई मिट्टी के जमाव के कारण ये बड़े उपजाऊ भाग होता है और कृषि कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
5. रेह प्रदेश – बांगर प्रदेश के जिन भागों में अधिक सिंचाई की जाती है, उनमे कही कही पे भूमि में नमकीन परत बिछ जाती है उसे रेह (Reh) या कल्लर (Kallar) कहते है. यह उत्तर प्रदेश, हरियाणा शुष्क क्षेत्रों में अधिक होता है.
6. भूड़ (Bhur) – बांगर प्रदेश के कुछ भागों में अपक्षय के कारण ऊपर की मुलायम मिट्टी नष्ट हो गयी है और वहा पर कंकरीली भूमि मिलती है, जिसे भूड़ कहते है.
7. डेल्टाई प्रदेश – गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदियों ने अपने मुहाने पर विशाल डेल्टा का निर्माण किया है. जो भारत और बांग्लादेश में विस्तृत है. यह खादर प्रदेश का ही विस्तृत भाग है.