भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम – 1947
फरवरी 1947 को ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने 30 जून, 1947 को भारत में ब्रिटिश शासन समाप्त होने की घोषणा की, और कहा इसके बाद भारत का शासन एक उत्तरदायी भारतीय हाथों में सौंप दिया जायेगा जिसका संविधान 1946 में गठित संविधान सभा द्वारा बनाया गया था उसे लागु किया जायेगा. और जो क्षेत्र इसे स्वीकार नहीं करेंगे उन क्षेत्रों में यह संविधान लागु नहीं होगा. इस घोषणा का मुस्लिम लीग द्वारा विरोध किया गया और भारत विभाजन की बात कही. 3 जून, 1947 को वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने विभाजन ने विभाजन की योजना पेश की जिसे माउंटबेटन योजना के नाम से जाना जाता है. जिसे मुस्लिम लीग और कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया और भारत स्वतंत्रता अधिनियम 1947 बनाकर उसे कर दिया.
भारत स्वतंत्रता अधिनियम 1947 की विशेषताएं
- इस अधिनियम द्वारा भारत में ब्रिटिश शासन समाप्त करके इसे 15 अगस्त, 1947 स्वतंत्र एवं संप्रभु राष्ट घोषित कर दिया.
- इसी अधिनियम के द्वारा भारत का विभाजन दो स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र भारत और पाकिस्तान के रूप में कर दिया गया.
- अधिनियम ने वायसराय का पद समाप्त कर दोनों डोमिनियन राष्ट्रों में गवर्नर जनरल का पद का सृजन किया. जिस पर ब्रिटिश सरकार का नियंत्रण नहीं था और इसकी नियुक्ति नए राष्ट्र की कैबिनेट की सिफारिश पर ब्रिटिश ताज द्वारा किया जाता था.
- इसके द्वारा दोनों नव स्वतंत्र राष्ट्रों को अपना संविधान बनाने या किसी भी देश के संविधान को अपनाने की स्वतंत्रता थी. संविधान सभा को ब्रिटिश भारत में बनाये गए कानून को समाप्त करने के लिए कानून बना सकती थी.
- इसके द्वारा डोमिनियन राष्ट्रों को यह भी शक्ति थी कि संविधान के निर्माण और इसके कार्यान्वित होने तक वे अपने क्षेत्रों में विधानसभा बना.
- इसके द्वारा ही ब्रिटेन में भारत सचिव के पद को समाप्त किया गया और उसकी सभी शक्तियां राष्ट्रमंडल मामलो में राज्य सचिव को दे दी गयी.
- इस अधिनियम के द्वारा 15 अगस्त, 1947 से सभी भारतीय रियासतों और आदिवासी क्षेत्रों के संबंध में ब्रिटिश सम्प्रभुता समाप्त कर दी.
- सभी भारतीय रियासतों को स्वतंत्रता मिल गयी वे अब अपनी इच्छानुसार किसी भी डोमिनियन (भारत या पाकिस्तान) में मिल सकते थे या स्वतंत्र रह सकते थे.
- इसके द्वारा संविधान बनने तक भारत शासन अधिनियम – 1935 के तहत प्रांतो में शासन की व्यवस्था की गयी.
- इस अधिनियम द्वारा ‘भारत के सम्राट’ की उपाधि को समाप्त कर दिया.
Note: 14-15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि में भारत में ब्रिटिश शासन अंत हो गया और समस्त शक्तिया दो स्वतंत्र डोमिनियनो भारत और पाकिस्तान में हस्तांतरित कर दिए गए.