दुनिया के प्राचीनतम ग्रंथों में से एक:
- वेद चार प्रकार के होते है, ऋग्वेद,सामवेद,यजुर्वेद तथा अथर्वेद।
- सबसे पुराण वेद है ऋग्वेद जबकि रचना लगभग 3500 साल पहले हुई।
- ऋग्वेद का उच्चारण किया जाता था और श्रवण किया जाता था, न कि पढ़ा जाता था।
संस्कृत एवं अन्य भाषाएं
संस्कृत भाषा भारोपीय (भारत – यूरोपीय) भाषा परिवार का हिस्सा है. भारत की कई भाषाएं – असमिया, गुजराती, हिंदी, कश्मीरी और सिंधी, एशियाई भाषाएं जैसे – अंग्रेजी, फ़्रांसिसी, जर्मन, यूनानी, इतालवी, स्पैनिश आदि इसी परिवार से जुडी हैं. इन्हें एक भाषा परिवार इसलिए कहा जाता है क्योंकि आरंभ में इनमे कई शब्द एक जैसे थे. उदाहरण के लिए मातृ (संस्कृत), माँ (हिंदी), मदर (अंग्रेजी)
मवेशी,घोड़े और रथ:
- ऋग्वेद में मवेशियों ,पुत्रों और घोड़ो के लिए प्राथनाएं है।
- घोड़ो को युद्ध दौरान रथ खींचने में उपयोग करा जाता था।
- युद्ध आयोजन कुछ हासिल करने के लिए व लोगो बंदी बनाने के लिए भी किया जाता था।
- युद्ध में जीता गया कुछ धन सरदार को,कुछ पुरोहित को व कुछ हिस्सा यज्ञ के लिए उपयोग किया जाता था।
- यज्ञ में कभी-कभी जानवरो की भी आहुति दी जाती थी।
- इनकी कोई स्थाई सेना नहीं होती थी।
लोगो की विशेस्ता बताने वाले शब्द:
- वर्ग के अनुसार लोगो का वर्णन किया जाता था।
- ब्राह्मण (पुरोहित) तरह तरह के यज्ञ और अनुष्ठान करते थे।
- राजा की मृत्यु के बाद राजा का बीटा खुद से शासक नहीं बनता था।
- पुरे समुदाय के लिए -जनता या वैश्य के नाम से पुकारा जाता था।
- ऋग्वेद में वैश्य और जनों के मिले है।
- बाद के समय में दास/दासी शब्द का मतलब गुलाम हो गया।
कब्रे:
- यह प्रथा लगभग 3000 वर्ष पहले शुरू हुई।
- कुछ महापाषाण ज़मीन के ऊपर भी देख जाते है , तो कुछ ज़मीन के अंदर भी होते है।
- ब्रम्हगिरी में एक कब्र में 33 सोने के मनके और शंक पाए गए है।
- लोगो को बड़ी-बड़ी संदूको में दफनाया जाता था।
- कुछ लोगो को सज़ा के तोर पर भी ज़िंदा दफना दिया जाता था।
कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ:
वेदो की रचना का आरम्भ- लगभग 3500 वर्ष पहले
महापाषाण के निर्माता की शुरआत – लगभग 3000 वर्ष पहले
इनामगांव के कृषको का निवास- 3600 से 2700 वर्ष पहले
चरक – 2000 वर्ष पहले
आओ याद करे:
प्रशन 1. आज हम जो किताबे पढ़ते हैं वे ऋग्वेद से कैसे भिन्न है ?
उत्तर : आज हम जो किताबे पढ़ते है वह लिखीं और छापी गई हैं। ऋग्वेद कस उच्चारण और श्रवण किया जाता था। ऋग्वेद की रचना के सदियों बाद उन्हें लिखा गया था।
प्रशन 2. पुरातत्त्वविद कब्रों में दफ़नाए गए लोगो क्र बिच सामाजिक अंतर का पता कैसे लगते है?
उत्तर: दफ़नाए गए लोगो की कब्रों से प्राप्त वस्तुओं के आधार पर सामाजिक अंतर का पता लगाते हैं। लोगो को जब दफ़नाय जाता था तो उनके साथ उनकी कुछ चीजों को भी साथ में हे दफना देते थे। उन्ही वस्तुओं से आज हमें यह जानकारी मिलते है।
प्रशन 3. एक राजा का जीवन दास या दासी के जीवन से कैसे भीं होता था?
उत्तर: राजा का जीवन ऐश्वर्या से परिपूर्ण हुआ करता था जबकि दास और दासी का जीवन कष्टों से परिपूर्ण। दस और दासी का पूरा जीवन राजा की सेवा करते हुए व्यतीत हुआ करता था। उन्हें राजा और राजा के पुरे परिवार की आज्ञा का पालन करना पड़ता था।