महात्मा बुद्ध
- बुद्ध का बचपन का नाम सिद्धार्थ था। बाद में वह बौद्ध धर्म के संस्थापक बने।
- उनका जन्म 2500 वर्ष पहले हुआ था।
- बुद्ध क्षत्रिय थे, जो शाक्य नामक एक छोटे से गण से सम्बंधित थे।
उपनिषद
- अर्थ-गुरु के समीप बैठना
- उपनिषद उत्तर वैसिक ग्रंथो का हिस्सा था।
- 3500 वर्ष बाद यह समय लिखा गया।
- इसमें सामान्य ज्ञान का उल्लेख करा गया है, जिनमे पुरुष ब्राह्मण तथा राजा होते थे परन्तु इसमें गार्गी जेसे स्त्री का भी उल्लेख किया गया है।
व्याकरणविद पाणिनि
- पाणिनि ने संस्कृत भाषा के व्याकरण की रचना की।
- इन्होने स्वरों तथा व्यजनों को एक विशेषक्रम बनाके लगभग 3000 लघु सूत्रों की रचना की।
जैन धर्म
- जैन शब्द जिन से निकला है जिसका अर्थ विजेता है।
- प्रवर्तक महावीर संध के कुल के एक क्षत्रिय राजकुमार थे।
- 30 वर्ष की उम्र में इन्होने अपना घर छोड़ दिया था।
- शिक्षा बिलकुल सरल थी।
- महावीर का कहना था, सत्य जानने की इच्छा रखने वाले प्रत्येक स्त्री-पुरुष को अपना घर छोड़ देना चाहिए, अहिंसा का पालन करना चाहिए, कभी भी किसी को हानि नहीं पहुचनी चाहिए।
संध
- महावीर तथा महात्मा बुद्ध का मानना था की सच्चे ज्ञान के प्राप्ति अपना घर वह आराम को छोड़ने से मिलते है।
- ऐसे लोगो के लिए एक संघटन बनाया गया और उन लोगो को संघ कहा गया।
- हर व्यक्ति संध में प्रवेश कर सकते थे।
- सत्री और पुरुष के लिए अलग-अलग रहने की व्यवस्था थी।
विहार
- वर्षा-ऋतू में रहने के लिए शरण स्थान के लिए पहाड़ो पर गुफाऐं बनाइ गयी थी।
- आरंभिक विहार लकड़ी के बनाए गए और बाद में ईटो का प्रयोग होने लगा।
- विहार किसी धनी व्यापारी,राजा द्वारा दान में दी गई भूमि पर निर्माण होता था।
आओ याद करे
प्रश्न:- बुद्ध ने लोगों तक अपने विचार का प्रसार करने के लिए किन-किन बातो पर जोर दिया?
उत्तर:- बुद्ध ने अपने वाणी अपने प्रवचनों के द्वारा लोगो तक अपने विचार पहुंचाए। बुद्ध ने अपने प्रवचनों के दौरान लोगो से कहा की वे उनकी सभी बातो को बिना जाचे परखे न माने बल्कि अपने विवेक और समझ का प्रयोग करे और फिर उसे मने।
बुद्ध का कहना था कि:-
‘हमारे जीवन में दुःख का कारण हमारी खुद की अपेक्षा-इच्छा है।
हमे अपने दुःख से मुक्ति पाने के लिए खुद की ज़रूरत होती है।
दुसरो के प्रति दया भाव होना चाहिए।
लालज, मोह-माया त्यागने पर ही जीवन में सुख की प्राप्ति होती है।’
प्रश्न:- उपनिषदो के विचार किन प्रश्नो का उत्तर देना चाहते थे?
उत्तर:- उपनिषदो के विचारक जीवन और मृत्यु से जुड़े कुछ
प्रश्नो का उत्तर देना चाहते थे जैसे कि:
मृत्यु के बाद का जीवन कैसे होगा।
आत्माओ की विषय-वास्तु और उनके प्रसंग के बारे में।
जीवन की सच्चाई के बारे में।
कुछ चिंतक यज्ञों से होने वाले लाभ।
प्रश्न:- महावीर की प्रमुख शिक्षा क्या थी ?
उत्तर:- महावीर की शिक्षा बहुत सरल थी, जो इस प्रकार हैं:
* वे व्यक्ति को सुकून पाने का मार्ग दिखाया करते थे।
* सब मोह और माया है।
* जीवन के सत्य को जानने के लिए अपना घर छोड़ कर आगे चलना पड़ता है।
* कभी भी किसी की हत्या नहीं करनी चाहिए।