व्यापार और व्यापारी
- दक्षिण भारत सोना, मसाले, काली मिर्च तथा कीमती पत्थरो के लिए प्रसिद्ध था।
- काली मिर्च के रोमन में इतने माँग थे की इसे काले सोन के नाम से बुलाने लगे थे।
- व्यापारियों ने कई समुद्री रस्ते खोज निकाले थे।
- इनमे से कुछ समुद्र के किनारे चलते थे कुछ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी पार करते थे।
समुद्र तटों से लगे राज्य
- दक्षिण भाग में बड़ा तटीय प्रदेश है।
- इनमे भोत से पहाड़, पठार और नदी के मैदान है।
- संगम कविताओं में मुवेदार एक तमिल शब्द है जिसका अर्थ तीन मुख्या है। ये करीब 2300 वर्ष पूर्व दक्षिण भारत में ख़फ़ी शक्तिशाली माने जाते थे।
- तीनो मुख्यो के दो-दो सत्ता केंद्र थे।
- कभी-कभी सैनिक अधिकंशो पर भी निकल पड़ते थे और आस-पास के इलाको से शुल्क वसुं कर लेते थे।
रेशम मार्ग
- यह मार्ग बनाने की तकनीक का आविष्कार सबसे पहले चीन में करीब 7000 वर्ष पूर्व हुआ था।
- जिस रस्ते लोग पश्चिमी देशो में रेशमी कपडे लेकर जाते थे वह रेशम मार्ग के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
- करीब 2000 वर्ष पहले रोम के शासकों और धने लोगों के बिच रेशमी कपडे पहनना एक बहुत बड़ी बात हुआ करते थी।
- सिल्क रूट पर नियंत्रण रखने वाले शासको में सबसे प्रसिद्ध कुषाण थे।
बौद्ध धर्म का प्रसार
- कुषाणों का सबसे प्रसिद्ध राजा कनिष्क था।
- इन्होने करीब 1900 वर्ष पहले शासन किया।
- बुद्ध चरित्र के रचनाकार कवी दरबार में रहते थे।
- बौद्ध धर्म की एक नई धरा महायान का विकास हुआ।
- धीरे-धीरे बोधिसत्व की पूजा पुरे मध्य-एशिया, चीन और बाद में कोरिया तथ जापान तक फ़ैल गई।
- कुछ गुफाए राजा तो कुछ व्यापारियों तथा कृषकों द्वारा बनवाई गयी थी।
- चीन बौद्ध तीर्थयात्री फा-शिएन, करीब 2600 साल पहले तथा उसके करीब 50 साल बाद इत्सिंग भारत आया।
नालंदा-शिक्षा का केंद्र
- यह के शिक्षक योग्यता तथा बुध्दि में सबसे आगे थे ।
- वह बुद्ध के उपदेशो का पालन करते थे।
- मठ के नियम सख्त है जो सबको मानने पड़ते थे ।
भक्ति की शुरुआत
- भक्ति भज शब्द से बना है,जिसका अर्थ विभाजित करना या हिस्सेदारी होता है।
- भक्ति भागवत या भगवन के प्रति श्रद्धा हैं।
- भक्ति मार्ग की चर्चा हिन्दुओ के पवित्र ग्रन्थ भगवदगीता में की गयी है।
- भगवतगीता महाभारत का एक हिस्सा है।
- करीब 1400 साल पहले शिव भक्त अय्यर ने तमिल में कविता लिखी थी।
आओ याद करे
प्रश्न:- चीनी तीर्थयात्री भारत क्यों आए ? कारण बताओ।
उत्तर:- चीनी बौद्ध तीर्थयात्री फा-शिएन, इत्सिंग और त्सांग भारत की यात्रा पर आए थे। सब बुद्ध की बातो से प्रभावित होकर बुद्ध के जीवन से जुडी जगहों और प्रसिद्ध मठो को देखने के लिए आए थे। उन्होंने किताबो और बुद्ध की मूर्तियों को जमा किया। तीर्थयात्रिओ ने उस समय के सबसे प्रसिद्ध बौद्ध विद्या केँद्र नालंदा में अध्ययन किया।
प्रश्न:- साधारण लोगो का भक्ति के प्रति आकर्षित होने का कौन सा कारण होता है?
उत्तर:- साधारण लोग भक्ति के प्रति इसलिए आकर्षित हुए क्योकि हमारी वैदिक परंपरा बहुत कठोर थी, इसमें जाती व वर्गों को ध्यान में रखा जाता था। यह कुछ खास लोगो को ही पूजा करने की अनुमति थी। सबको मंदिर के अंदर जाने की भी अनुमति नहीं थी।